अफगानिस्तान में तालिबान की शिकार बनी भारतीय लेखिका सुष्मिता बनर्जी के करीबी रिश्तेदारों ने हत्या के पीछे साजिश की आशंका जाहिर की है। परिजनों ने सवाल किया कि लेखिका के ससुरालवालों को 'वास्तव में बचाने के लिए' तो नहीं बांध दिया था।
ससुराल वालों की भूमिका पर इसी तरह की आशंका निर्वासित बांग्लादेशी लेखिका तस्लीमा नसरीन ने भी जाहिर की है। बनर्जी की भाभी देबोलिना बनर्जी ने आईएएनएस से कहा कि क्यों सिर्फ उसे (सुष्मिता) ही अकेले मारा गया जबकि परिवार के शेष सदस्यों को छुआ तक नहीं गया? क्या हत्यारों ने परिवार के अन्य लोगों को वास्तव में बचाने के लिए बांध तो नहीं दिया था? आखिर उसके पति ने इस त्रासदी के बाद हमसे संपर्क करने की कोशिश क्यों नहीं की?
शहर के निवासियों, देबोलिना और उसके पति और सुष्मिता के छोटे भाई गोपाल को स्थानीय समाचार चैनलों पर हत्या की खबर आने के बाद जानकारी मिली। देबोलिना ने कहा कि सुष्मिता के कारोबारी पति जानबाज खान या उसके काबुल में रहने वाले परिवार के लोगों से संपर्क करने का कोई परिणाम नहीं निकला।
तस्लीमा ने भी साजिश की आशंका जाहिर की। तस्लीमा ने कहा कि क्या तालिबान एक की हत्या करते समय अन्य लोगों को बांध देते हैं या उन्होंने यह काम किया ही नहीं है। शायद उसके ससुराल के ही किसी ने तालिबान को यह सूचना दी कि सुष्मिता, 'अनैतिक महिला' भाग कर अपनी ससुराली घर आई है और उनके बारे में लिखने जा रही है। शायद उन लोगों को उसकी मंशा के बारे में किसी अन्य स्रोत से पता चल गया होगा।
Source-IBN7
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